वास्तु एवं ज्योतिष >> वैदिक वास्तु वैदिक वास्तुजगदीश शर्मा
|
10 पाठकों को प्रिय 399 पाठक हैं |
प्रस्तुत पुस्तक में इस प्राचीन विज्ञान के उद्गम तथा विकास का क्रमवार अध्ययन प्रस्तुत किया गया है।
वास्तु प्रकृति और मानव के संतुलन का सेतु है। वास्तु एक विज्ञान है और कला भी है। वास्तु सार्वभौमिक है। ‘वैदिक वास्तु’ प्राचीन वास्तुकला व वास्तु विज्ञान संबंधी भारतीय विज्ञान की ज्ञानवर्धक एवं विस्मयकारी शाखा के अनुसंधान, अध्ययन विवेचन में सांस्कृतिक दृष्टिकोण भी छिपा है। भारत के विभिन्न कालीन प्राचीन स्मारक, मंदिर, स्तूप इत्यादि संबंधी निर्माण कार्य वैदिक वास्तु एवं वास्तुकला प्रियता के प्रत्यक्ष उपलब्ध गौरवान्वित योग्य प्रमाण है। आधुनिक वास्तुकला हमारी प्राचीन वास्तुकला का ही नवीन रूप है। प्रस्तुत पुस्तक में इस प्राचीन विज्ञान के उद्गम तथा विकास का क्रमवार अध्ययन प्रस्तुत किया गया है।
|
लोगों की राय
No reviews for this book